एक गुड़िया, एक नानी हर जगह ।

इश्क काँटों से गुज़रता हर क़दम,
फूल-सी खिलती जवानी हर जगह ।
वस्ल पहले, फिर जुदाई रूह की,
एक राजा, एक रानी हर जगह ।
इस जमीं पर एक था कान्हा कभी,
अब कहाँ मीरा दीवानी हर जगह ।
ताज है, सरताज अब भी प्यार का,
है कहाँ ऐसी निशानी हर जगह ?
By- www.srijangatha.com
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