Thursday, August 24, 2006
उसने देखा
उसने देखा आज हमारी आँखों में,
जैसे बिजली चमकी हो बरसातों में ।
सहारा ने सागर का पानी सोख लिया,
ऐसा ही एहसास हुआ जज़्बातों में ।
तन्हाई में रहना अच्छा लगता है,
खुद ही से बातें करते हैं रातों में ।
आँखों में रंगीन फ़िज़ाओं का मंज़र,
सच्चाई को ढूँढ़ रहा है बातों में ।
रूह तलक महके हैं ऐसा लगता है,
कोई खुशबू घोल गया है साँसों में ।
By- www.srijangatha.com
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