Thursday, August 10, 2006

जीवन तो चलता रहता है


जीवन चो चलता रहता है
चाहे कोई साथ निभाए
आए कोई या मत आए ।
दीप जलाकर बैठे कोई,
या फिर कोई त बुझाए ।
किसकी रहा निहारे सूरज,
जीवन तो चलता रहता है ।


आँख लगे तो नींद भी आए,
नींद लगी तो स्वप्न सताए ।
एक परी आए धीरे से,
हाथ पकड़ ले और उठाये ।
भोर हुए तक साथ हमारे,
दीपक भी जलता रहता है ।
जीवन तो चलता रहता है ।


एक पखेरू एक ठिकाना,
और वहीं तक आना-जाना ।
शीतल-शीतल छांव घनेरी,
सौंप दिया है आवो-दाना ।
भीतर जैसे पंख पसारे......
पंछी है पलता रहता है ।
जीवन तो चलता रहता है ।


धड़कन थोड़ी सांस जरा सी
थोड़ी खुशियाँ और उदासी,
अँखिया फिर भी प्यासी-प्यासी
वेदर्दी है समय निगोड़ा
यह सको छलते रहता है।
जीवन तो चलता रहता है ।


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By- www.srijangatha.com
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